बिहार के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल कर लिया है. बिहार के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह कमाल पूरी दुनिया से भुखमरी को ख़त्म कर सकता है. जी हां आपने सही पढ़ा बिहार के विज्ञानिक के कुछ फल और सब्जी के छिलके से एक ऐसा तत्व बना लिया है जिससे न केवल खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोका जा सकेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भूख से जूझ रहे लोगों के लिए भी मददगार साबित हो सकता है. खबर मिल रही है की बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने केले के छिलके से कार्बन क्वांटम डॉट्स विकसित कर एक नई तकनीक का आविष्कार किया है. जैसे ही यह अविष्कार हुआ वैसे ही इस तकनीक के लिए उन्हें पेटेंट भी प्राप्त का लिया.

जैसे जैसे दुनिया की जनसँख्या बढती जा रही है वैसे वैसे खाने पिने के वस्तुओ का स्कार्सिटी भी बढती जा रही है. उस पर भी जो खाद्य पदार्थ है उसको संरक्षित रखना भी चुनौती हो गई है. इसी खाद्य पदार्थ को ख़राब होने से बचाने में इस अविष्कार का उपयोग किया जायेगा. क्योकि आज के दौर में खाद्य पदार्थों का खराब होना एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनती जा रही है. एक डाटा के मुताबिक विश्व भर में करीब 83 करोड़ लोग रोजाना भूखे पेट सोने को मजबूर हैं. ऐसे में खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोकना एक बड़ी आवश्यकता है. वैज्ञानिकों का यह शोध इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

केले के छिलके से बने कार्बन डॉट्स

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने केले के छिलके, आम के छिलके और कुछ सब्जिओं के छिलके से कार्बन डॉट्स तैयार किए हैं. विज्ञानिको ने बताया की ये एक नैनो कार्बन डॉट्स है जो सभी तरह के ताजे खाद्य पदार्थों के भंडारण और उनके सही तरीके से प्रबंधन में अहम भूमिका निभाएंगे. यह पदार्थ उस वक्त काम आ सकता है जब फसल कटाई होती है. कटाई के बाद होने वाले नुकसान को इन डॉट्स की मदद से काफी हद तक कम किया जा सकेगा.