किसी भी समाज के उत्थान में जितना पुरुष का योगदान है उतना ही महिलाओ का भी योगदान है. आज की महिलाये क्या कुछ नहीं कर सकती है. कई कहानी तो ऐसी है जहाँ महिलाओं ने बिना किसी सपोर्ट के अपने जीवन को सवांर ली है. ये कहानी है करनाल के सुनीता जी की. इन्होने ने तो जीरो से शुरू किया और अभी 10 महिलाओ का ग्रुप बनाकर अच्छा आमदनी कर रही है.
हरियाणा के करनाल जिले के कुराली गांव की रहने वाली महिला सुनीता एक सुसंस्कृत महिला है. उन्होंने खुद का जीवन तो सुधारा ही साथ ही कई अन्य महिलाओ को भी काम सिखाया है. वे सभी अब आत्मनिर्भर बन चुकी है. सुनीता एक सामूहिक काम करती है जिसमे वो बच्चों के लिए डॉल, जूट के बैग, और महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल गहने जैसे प्रोडक्ट को बनाती है.
सरकार के तरफ से भी सुनीता एंड टीम को इस काम के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. उनका 45 दिनों का ट्रेनिंग दिया गया. अब वे सभी ये प्रोडक्ट बनाने में एक्सपर्ट हो चुके है. बच्चे के खिलौने का बाजार में बहुत डिमांड है. साथ ही आर्टिफीसियल जेवर भी खुद बिकता है.
अब सुनीता के टीम में कुल 10 महिलाये काम करती है. सब साथ मिल कर बैग, बच्चों के खिलौने, कपड़े और अन्य सामग्री बनाती है. बाद में इस प्रोडक्ट को लोकल बाजार में सेल कर देती है. जिससे उनको अच्छा लाभ होता है. सुनीता ने बताया की उनको एक गुडिया बनाने में लगभग एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है. वे सभी आत्मनिर्भर है और अच्छा आय कर रही है. इस काम का पूरा श्रेय सुनीता जी को जाता है. जो खुद के साथ साथ अपने आसपास के सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की है.