IAS Sandeep Kumar : बिहार के गया जिले के डुमरिया प्रखंड में संदीप का घर है. संदीप कुमार की माँ एक किराने की दूकान चला कर अपने बच्चो का भरण पोषण करती है. माँ को काम करते थे संदीप कुमार अक्सर यह सोचता की ऐसा क्या करू जिससे माँ को काम करना नहीं पड़े. संदीप हमेशा एक अधिकारी बनकर अपनी माँ को गर्व महसूस करवाना चाहता था. संदीप की बरसो की मेहनत रंग लाइ . संदीप का चयन UPSC परीक्षा में हो गया है.
संदीप के पिता नहीं है. वो कई वर्ष पहले ही जा चुके है. संदीप पांच भाई-बहन है. संदीप तीसरे नंबर पर आता है. वो अपना प्रारंभिक पढाई डुमरिया प्रखंड में ही की है. बाद में उनका दाखिला IIT मुंबई में हो गया था. वो वह से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. लेकिन हमेशा मन में एक बात रहती थी की कैसे अपने देश की सेवा करूँ. वो जॉब करने लगा था. लेकिन साल 2019 में जॉब को छोड़कर IAS बनने का सोचा.
संदीप एक दिन फैसला करता है की मई दिल्ली जा कर UPSC की तैयारी करूँगा. मां की ममता और बेटे का समर्थन ये दोनों ही अद्वितीय ताकत पैदा कर दी थी. संदीप कुमार UPSC की तैयार शुरू कर दिया था. पहली बार में वो UPSC की परीक्षा में असफल रह थे. जिसमे बाद वो लगातार 3 बार असफल होते रहे. तब जाकर चौथे एटेम्पट में उनको 697 रैंक प्राप्त हुई थी. लेकिन संदीप इससे भी खुश नहीं थे.
उन्होंने ने एक बार और UPSC की परीक्षा में बैठने का सोचा. साल 2023 के परीशा में उनको 601 वां स्थान प्राप्त हुआ है. संदीप की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है. जो दिखाता है कि कठिनाइयों से निपटने का सही तरीका है – हार मत मानो, आगे बढ़ो और मेहनत करो।