डेडीकेसन के साथ पढाई करने पर सफलता जरुर मिलती है. यही पढाई में 100% डेडीकेसन का नतीजा होता है की कई छात्र परीक्षा में टॉप भी कर जाते है. टॉप करने का और कोई कारण नहीं है वरण पढाई को पुरे सिद्दत से करना होता है. साथ में सभी मार्गदर्शन का होने भी जरुरी है. आज की सफलता की कहानी भी कुछ इन्ही तथ्यों पर आधारित है जहाँ उस छात्र की 100% पढाई में डेडीकेसन और शिक्षक द्वारा सही मार्गदर्शन उन्हें जिला टॉपर बना दिया.

हम बात कर रहे है सौरव कुमार की जो झारखंड एकेडमिक कॉन्सिल के द्वारा इंटर की परीक्षा में जिला टॉपर बने है. सौरव ने कॉमर्स से 12th JAC में कुल 454 नंबर प्राप्त किये है. सौरव झारखण्ड के पलामू  जिले के रहने वाले है. उनका घर पलामू शहर में है. उन्होंने अपने सफलता का पूरा श्रेय अपनी माँ और शिक्षिका स्वेता मैम को दिया है.

आपको बता दे की सौरव ने यह मुकाम 8 से 10 घंटे की पढाई कर के हासिल किया है. उन्होंने कहा की सेल्फ स्टडी बहुत महत्वपूर्ण कड़ी होती है. जो भी मुझे प्रॉब्लम होती थी तो मै स्कूल में जा कर पूछता था. फिर उसका रिवीजन भी करता था. सबसे ज्यादा जरुरत होती है अपने आप को सोशल मीडिया से बचाना. क्योकि पढाई के वक्त सोशल मीडिया का इस्तेमाल अच्छा नहीं होता है.

बातचीत के दौरान सौरव ने बताया की जब रिजल्ट का मुझे पता चला तो मुझे यकीन भी नहीं हुआ. मुझे लगा ही नहीं था की मुझे 454 अंक प्राप्त होंगे. लेकिन जब कॉलेज गया तो वहां के शिक्षक ने इस खबर की पुष्टि की की मई जिला टॉपर बन गया है . सौरव ने आगे कहा की इस उपलब्धि से मेरी माँ बहुत खुश हुई है.

आगे उन्होंने कहा की कॉलेज में स्वेता मैम ने मुझे बहुत मोटीवेट किया है. जब भी मुझे पढाई में मन नहीं लगता तो मैम मुझे समझाती और कभी-कभी तो डाट भी लगाती थी. उन्ही में मार्गदर्शन में मै आज इतना अच्छा कर पाया हूँ. मुझे आगे चल कर CA बनना है.

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