शिक्षा का महत्व उन लोगो से पूछिए जो जीवन में अशिक्षित रह गए. एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरता होगा जब अशिक्षित लोग पछताते न हो. इसीलिए आज के ज़माने में सबसे ज्यादा बहुमूल्य कोई चीज़ है तो वो है शिक्षा. शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं शिक्षित से बड़ा कोई सम्मान नहीं. शिक्षा के बिना कोई जीवन नहीं. इसी शिक्षा को पाने के लिए जावीद और जॉन ने आगे आने वाले सभी कठिनाई से लड़ गए और इंटरमीडिएट की परीक्षा में टॉप कर गए.
आपको बता दे की जावीद और जॉन आंध्र प्रदेश के इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम टॉप और सेकंड टॉप किये है. वे दोनों ही एक गरीब और साधारण परिवार से आते है. घर में मुलभुत सुविधा तो छोड़ दीजिये , दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी कम उम्र से मेहनत करनी पर रही है. लेकिन आपने हालातों से लड़ कर ये दोनों ने टॉप किया है.
जावीद को आन्ध्रा इंटरमीडिएट बोर्ड में 1000 अंकों में से 961 अंक मिले हैं. वहीँ काकीनाडा जिले के रहने वाले जॉन को कुल 1000 अंकों में से 918 अंक मिले हैं . जानकारी के लिए आपको बता दें की जावीद अपने घर से दूर रहता है. वो अपने बड़े भाई के साथ चिकन शॉप पर काम करता है. उसी में से वो वक्त निकालकर पढाई भी करता है.
जावीद के पिता का नाम बशीर है. वो एक बढई है. उनके कुल 4 बेटे है. जावीद सबसे छोटा है. शुरू से ही जावीद पढने में अच्छा था. लेकिन घर की हालत अच्छी नहीं होने के वजह से दोनों भाई को एक चिकन की दुकान खोलनी पड़ी. जिससे उनका गुजरा होता है.
यह सफलता की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक सन्देश है जो गरीबी में रहकर पढाई कर रहे. जीवन में उतार-चढ़ाव तो होते ही हैं, लेकिन हमारे उत्साह और मेहनत ही हमें लक्ष्यों की सफलता तक पहुंचाती है.