बिहार में बालू खनन और वितरण से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत अब आम लोग भी बालू भण्डारण का लाइसेंस प्राप्त कर पाएंगे. इस नए नियम से आम लोगों और छोटे व्यवसायियों को भी लाभ मिलेगा. जी हां दोस्तों अब राज्य में बालू का लाइसेंस प्राप्त करना और बालू की होम डिलीवरी पाना आसान हो गया है. इस फैसले के तहत छोटे व्यवसायियों को भी बालू भंडारण और बिक्री का अधिकार मिलेगा. अब राज्य में बालू की उपलब्धता और कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी. अब कोई भी व्यक्ति या व्यवसायी बालू भंडारण और बिक्री के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकता है. लेकिन इसके लिए कई शर्ते रखी गई है. चलिए जानते है पूरी डिटेल्स से:
बिहार में बालू भण्डारण और बिक्री के लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए अब सभी को एक निर्धारित शुल्क चुकाना होगा. यह निर्धारित शुल्क पांच हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक हो सकता है. यह शुल्क लाइसेंस के प्रकार और भंडारण की क्षमता के आधार पर तय किया गया है. इस कदम से छोटे और मझोले व्यवसायियों को भी इस व्यवसाय में प्रवेश का अवसर मिलेगा. निचे पूरी लिस्ट दी गई है:
लाइसेंस के लिए शुल्क (1 वर्ष):
25,000 घनफुट तक बालू का भंडार करने के लिए: 5,000 रुपये का शुल्क निर्धारित की गई है.
लाइसेंस के लिए शुल्क (5 वर्ष):
25,000 घनफुट का लाइसेंस: 20,000 रुपये . यह रकम एक मुश्त ली जाएगी.
1 लाख घनफुट पर: 50,000 रुपये.
साथ ही बड़े व्यवसाई को 10 लाख से ऊपर की रकम देना हो सकता है.
300 घाटों पर शुरू होगा बालू खनन
आपको बता दें की बिहार में लगभग 300 घाटों पर बालू खनन की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए सभी तरह की बंदोबस्ती पूरी कर ली गई है. इसके माध्यम से राज्य में बालू की मांग को पूरा करने के साथ-साथ राज्य के राजस्व में भी वृद्धि की उम्मीद है. सरकार ने बालू खनन की पारदर्शिता और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. खनन स्थलों पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी. बालू से बिहार के राजस्व से काफी उछाल देखने को मिल रहा है. पिछले वर्ष बालू खनन से बिहार सरकार को 575 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन इस साल सितंबर माह तक यह आंकड़ा बढ़कर 1034 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.