बरसात की मौसम को घुमने के लिए बहुत ही बेहतर मौसम माना जाता है. इस मौसम में लोग ज्यादातर वॉटरफॉल घुमना पसंद करते है. वही आज के इस आर्टिकल में हम वॉटरफॉल के बारे में ही बताने जा रहे है. तो सबसे पहले अगले पंक्ति में हम आपको वॉटरफॉल क्या होता है उसके बारे में बताएँगे…
वॉटरफॉल को आम तौर भाषा में झरना कहते है. झरना को आप सीधे तौर पर समझे की पहाड़ों की बड़ी – बड़ी ऊंचाई से नदी या नाले में पानी गिरता है. उसे ही झरना या वॉटरफॉल कहा जाता है. सबसे पहले हम आपको बता दे की भारत का सबसे ऊंचा वॉटरफॉल कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले में स्थित है. इस वॉटरफॉल का नाम कुंचिकल वॉटरफॉल है. जिसकी ऊंचाई लगभग 455 मीटर है जो वराही नदी पर बनाया गया है.
लेकिन आज हम आपको बिहार के हदहदवा वॉटरफॉल के बारे में बताने जा रहे है. जो बिहार राज्य के गया जिले में स्थित है. गया जिले के हदहदवा वॉटरफॉल में रोजाना हजारो की संख्या में लोग यहाँ घुमने आते है. खासकर तो बरसात के मौसम में यहाँ लोग अधिकतर घुमने आते है. वही इस वॉटरफॉल के नजदीक दो प्रमुख धार्मिक स्थल विष्णुपद मंदिर और विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर हैं. जिसका दर्शन भी आप कर सकते है.
इसके अलावा गया जिले के हदहदवा वाटरफाॅल के पास ही पालकालिन शिवलिंग स्थित है. जिसमे महादेव के रुप में शंकर जी विराजमान है. खासकर शिवरात्रि और सावन में यहां हजारों की संख्या में लोग घुमने आते हैं. हदहदवा पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित एक कुंड का पानी भी काफी फेमस है. जिसे लोग पिने के साथ – साथ अपने घर भी ले जाते हैं. माना जाता है की इस पानी को पिने से लोगों की तबियत ठीक ठाक रहती है.