बजट 2024-25 के बाद बिहार की किस्मत चमकने वाली है. यह हम इसलिए कह रहे है क्योकि बजट के दौरान वित्त मंत्री ने अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का जिक्र किया था. यह अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बिहार के गया जिले से होकर गुजरेगा. गया जिले में अब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने जा रहा है. यह कॉरिडोर बिहार में रोजगार के कई अवसर को खोल देगा. अब बिहारी लोगो को रोजगार के लिए दुसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा.
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर महत्वाकांक्षी परियोजना सात राज्यों को आपस में जोड़ते हुए पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगी. जहाँ जहाँ से यह कॉरिडोर गुजरेगा वहां के 150 से 200 किलोमीटर के एरिया में इंडस्ट्री लगाये जायेंगे. इस परियोजना के तहत बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे .
जानकारी के लिए आपको बता दें की अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की लंबाई 1839 किलोमीटर है. यह छह राज्यों से होकर गुजरेगा. यह कॉरिडोर पंजाब के अमृतसर से शुरू होकर लुधियाना इंडस्ट्रियल एरिया होंते हुए फिर दिल्ली फिर देहरादून होते हुए कानपूर और लखनऊ, वाराणसी होते हुए बिहार के गया जिले से होकर गुजरेगा. फिर वहा से झारखण्ड के धनबाद कोलकाता के वर्धमान तक जायेगा. गया जिले में इस कॉरिडोर के लिए 1650 एकड़ भूमि को अधिग्रहित किया जाएगा.
बिहार में रोजगार के लिए इस परियोजना के तहत एक हजार औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी. जिसमे सोलर प्लांट, लॉजिस्टिक हब और इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को प्रमुखता दी जाएगी. सात राज्यों के 20 शहरों को इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा जिनमें गया भी शामिल है.
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के आसपास 150 से 200 किलोमीटर के एरिया में यह सुविधाएं विकसित की जाएंगी की स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार और उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके.