सफलता की कहानी : ऐसा नहीं है की आज के युवा को मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए लेकिन अत्यधिक इस्तेमाल से हमेशा बचना चाहिए. आज के स्मार्ट फ़ोन कई मायने में फायदेमंद है तो कई मायने में लाभदायक भी है. आज के स्मार्ट फ़ोन पढाई – लिखाई करने वालों युवा को पढाई में काफी मददगार साबित हो रही है. इंटरमीडिएट के छात्र अंशुल नेगी और अंशिका नेगी ने स्मार्टफ़ोन का सही इस्तेमाल किया और 12th बोर्ड में टॉप कर गए है.
मिली जानकारी के अनुसार अंशुल नेगी और अंशिका नेगी दोनों जुड़वाँ भाई – बहन हैं. अंशुल को उत्तराखंड इंटरमीडिएट के बोर्ड परीक्षा में कुल 500 में 485 नंबर प्राप्त हुए है. अंशुल 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है. अंशुल पुरे उत्तराखंड में सेकंड टॉपर बने है. उन्होंने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी माँ को दिया है.
वहीँ उनकी जुड़वाँ बहन अंशिका नेगी को उत्तराखंड के इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में 95% अंक प्राप्त हुआ है . वो पुरे राज्य में 8वें स्थान पर आई है. उनकी माँ का नाम शारदा नेगी है. उन्होंने कहा है की माँ के बताये मार्गदर्शन पर चल कर ही हम दोनों भाई-बहन ने आज यह सफलता हासिल किया है. साथ ही उन्होंने कहा की उनके स्कूल का भी मेरे सफलता में काफी बड़ा योगदान रहा है.
बता दें की अंशुल नेगी और आंशिक नेगी दोनों उत्तराखंड के अगस्त्य पब्लिक इंटर कॉलेज जवाहर नगर में पढाई करते है. अंशुल ने जेईई मेंस का की परीक्षा भी पास कर चुके है. इनका घर उत्तराखंड के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ढौंढिक क्यूड़ी गांव में है. पिता का नाम भरत सिंह नेगी है. उन्होंने कहा की “माँ अक्सर कहती थी की मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ पढाई के लिए करना “. दोनों ने ऐसा ही किया और टॉपर बन गए.
अंशुल और अंशिका नेगी के इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में जुड़वा सफलता की यह कहानी परिश्रम, समर्पण, और आदम्यता की शक्ति को दर्शाता है. उनकी अद्वितीय उपलब्धियाँ हर छात्र के लिए प्रेरणा श्रोत हैं. जिससे यह स्पष्ट होता है कि जीवन में जो भी उन्हें चाहिए वह अपने उत्साह और आदम्यता के साथ प्राप्त किया जा सकता है.