IFS पी बालामुरुगन: सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, निरंतर करनी होगी, इस बात को जितना जल्दी समझ जायेंगे उतना ठीक रहेगा. क्योकि सफलता पाने के दूसरा कोई शोर्ट कट नहीं है. कई ऐसे उदाहरण है देश दुनिया में जिसमे लोगो ने सिर्फ मेहनत के दम पर असमान में परचम लहरा दिया है. घर की या फिर आपकी मानसिक स्थिति कैसी भी हो बस आपको लगे रहना है. सफलता झकमारकर आपके पीछे आएगी.
चेन्नई के रहने वाले पी बालामुरुगन की सफलता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके 8 भाई बहन थे. पी बालामुरुगन छठे नंबर पर आते है. एक तो गरीब परिवार , पिता शराबी और 8 बच्चे तो समझ सकते है हालात कितने बुरे रहे होंगे. उनकी माँ ने जो किया वो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.
बच्चो की पढाई को जारी रखने के लिए पी बालामुरुगन में माँ ने 4800 वर्ग फुट घर खरीदने के लिए लिए अपने सारे गहने और जेवर को बेच डाला. जब बाद में और रूपये की जरुरत पड़ी तो उन्होंने अपने इसी घर के 1200 वर्ग फुट हिस्सा 1.25 लाख रुपये में बेच दिया. यह बात साल 1997-98 की है.
पी बालामुरुगन ने आर्थिक हाथ बढ़ाने के लिए एक अख़बार के दुकान में काम करना शुरू कर दिया. वो 300 रुपया महीने पर दुसरे के घर में अखबार पहुचाने लगा. धीरे-धीरे पी बालामुरुगन ने अपनी पढाई भी जारी रही. साल 2018 में वह यूपीएससी आईएफएस परीक्षा को पास कर लिए. और एक IAS अधिकारी बन गए.