कैलाश काटकर ने अपनी मेहनत और संघर्ष से अपनी कंपनी Quick Heal को सफल बनाया जो एक कंप्यूटर का एंटीवायरस प्रोडक्ट है। शुरुआत में उन्होंने परिवार की मदद से अपनी पढाई को छोड़ कर एक दूकान खोल लिया था। उन्होंने एंटीवायरस की डेवलपमेंट की जो पूरी दुनिया में फेमस हुआ और कंपनी को 14 हजार करोड़ रुपये का पंहुचा दिया। उन्होंने कंप्यूटर रिपेयरिंग के काम से शुरुआत की थी. फिर एंटीवायरस के फील्ड में डेवलपमेंट शुरू किया और आज कंपनी दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
कैलाश काटकर ने मेहनत और जागरूकता के साथ एंटीवायरस कंपनी क्विक हील की स्थापना की थी। उनका एंटीवायरस पूरी दुनिया में मशहूर है. उन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर कंपनी शुरू की और धीरे-धीरे उनका काम चलने लगा. जो अब 14 हजार करोड़ रुपये की मूल्य की है। कैलाश और उनके भाई ने एंटीवायरस पर अपना फोकस किया और कंपनी का नाम सीएटी कंप्यूटर सर्विसेज से क्विक हील टेक्नोलॉजीज में बदला। कंपनी कई देशों में काम कर रही है और 2016 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई।
कैलाश के कैरिएर की शुरुआत रेडियो और कैलकुलेटर की मरम्मत से हुई थी. जिसमें उन्हें शुरुआती दौर में नौकरी मिली थी। फिर जाकर उन्होंने बाद में कंप्यूटर रिपेयरिंग का काम भी शुरू किया और 1993 में सीएटी कंप्यूटर रिपेयरिंग और सर्विस का प्रतिष्ठान शुरू किया।
धीरे-धीरे उन्हें कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का अच्छा ज्ञान हो गया। कैलाश ने एंटीवायरस बनाने का निर्णय लिया जब उन्हें पता चला कि अधिकांश कंप्यूटर वायरस के कारण ही खराब हो जाते हैं। उन्होंने अपने भाई संजय को अपनी योजना बताई और उन दोनों ने मिलकर पहला एंटीवायरस डेवलप किया। 1995 में उन्होंने अपना पहला प्रोडक्ट बाजार में उतारा, जिसे वे 700 रुपये में बेचते थे।
इसके बाद क्विक हील टेक्नोलॉजीज ने अपने उत्कृष्ट एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की। इनकी कंपनी का हेडक्वार्टर महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। कैलाश का उत्साह और उनका कामकाज उन्हें आज दुनियाभर में मान्यता और सफलता दिला रहे हैं जो एक सराहनीय बात है। उन्होंने अपने परिवार के साथ कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को पूरा किया। कैलाश काटकर एक प्रेरणास्त्रोत हैं, जिन्होंने अपने विचारों को काम में बदला और समृद्धि की ऊंचाइयों को छूने में सफल हुए।