बिहार के मुजफ्फरपुर को मिला बड़े उद्योग का तोहफा: 788 एकड़ जमीन पर उद्योग विस्तार से बदलेगी सूरत
बिहार में विकास के कार्य को अब नए पंक लग गए है. लगभग सभी जिलों में कुछ न कुछ डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है. अगर अगले 10-15 वर्षो तक ऐसे ही काम हुआ तो बिहार भारत एक सबसे विकसित राज्य बनकर उभरेगा. अब मुजफ्फरपुर जिले को अब बड़े उद्योगों की सौगात मिलने जा रही है. जी हाँ दोस्तों अब बिहार के सबसे प्रमुख जिलें मुजफ्फरपुर में आता है और यहाँ पर कई सालो से विकास का कार्य चल रहा है. अब इस जिलें में और भी उद्योग लगने की बात की जा रही है. औद्योगिक विकास विभाग ने जिले के पारू और सरैया क्षेत्रों में 788 एकड़ 21 डिसमिल भूमि चिह्नित की है. इस भूमि पर उद्योग विस्तार की प्रक्रिया शुरू होने वाली है.
मुजफ्फरपुर के बेला और मोतीपुर के बाद अब मुजफ्फरपुर के पारू और सरैया इलाकों में उद्योग स्थापित करने की कवायद शुरू हो चुकी है. उद्योग विस्तार के लिए ने भूमि चिह्नित कर ली है. अब यहां इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेजी से किया जाएगा. सभी तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के बाद देश-विदेश की सभी प्रमुख कंपनियां यहां अपने उद्योग लगाने के लिए आएंगी. उद्योग विस्तार के लिए सबसे पहले जरूरी है कि बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है. सड़क, बिजली, पानी, और अन्य सुविधाओं का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है.
उद्योगों के विस्तार से मुजफ्फरपुर की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी. युवा अब रोजगार के लिए अन्य राज्यों का रुख करने की बजाय अपने जिले में ही रोजगार पा सकेंगे. उद्योग विस्तार के तहत पारू और सरैया में विभिन्न प्रकार के उद्योग लगाए जाएंगे. खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा उद्योग, फर्नीचर निर्माण, और अन्य प्रकार के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स शामिल हो सकते हैं. बेला और मोतीपुर में उद्योगों के सफल विस्तार के बाद पारू और सरैया में भी इसी मॉडल को लागू किया जा रहा है.
यहां दी गई भूमि और स्थान का विवरण हिंदी में इस प्रकार है:
चतुरपट्टी: 486 एकड़ 60 डिसमिल
चिउटाहा: 193 एकड़ 99 डिसमिल
भोजपट्टी: 107 एकड़ 62 डिसमिल
28 एकड़ 26 डिसमिल भूमि बिहार सरकार के नाम से दर्ज है