बिहार के युवा काम के तलाश में अक्सर बिहार से निकलकर दुसरे राज्य चले जाते है. इसका यह कारण है की बिहार में इंडस्ट्री की काफी कमी है. लेकिन अब राज्य में भी नए नए तरह के उद्योग लगाये जा रहे है. जी हाँ दोस्तों खबर के मुताबिक बिहार ने टेक्सटाइल उद्योग में एक बड़ा कदम उठाते हुए कुल 3 शहर को कपडा उद्योग का तौहफा दिया है. इन तीन शहरों में भागलपुर, गया और पटना जैसे बिहार में प्रमुख शहर का नाम आया है. इस नई पहल से राज्य में कपडा उद्योग को नई मजबूती मिलेगी. अब बिहार के युवा जो पहले बाहर कमाने चले जाते थे अब उनके के लिए अवसर भी बढ़ेंगे. इस योजना को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य शुरू कर दिया है.
बिहार का भागलपुर: रेशम उद्योग का हब
जैसा की हम जानते है की बिहार का भागलपुर जिसे पहले से ही “रेशम नगरी” के रूप में जाना जाता है. अब इस भागलपुर शहर में रेशम उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यहां के कारीगरों और बुनकरों को आधुनिक तकनीक बेहतर बुनियादी ढांचे का लाभ मिलेगा. स्माल क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत मीराचक में नए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. ऐसा करने से रेशम उत्पादों की गुणवत्ता उत्पादन क्षमता में सुधार होगा. भागलपुर में कई उद्योगिक इकाई भी लगाई जाएगी. बिहार में हुए इन्वेस्टर मीट में कई पहलुओं पर विचार विमर्श हुए है.
इस कड़ी में दूसरा जिला का नाम है. गया जिला . गया जिले के टेकारी और बेलागंज में टेक्सटाइल उद्योग के लिए स्माल क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम लागू किया जाएगा. यहां टेक्सटाइल इकाइयां स्थापित की जाएंगी. सभी इंडस्ट्री आधुनिक तकनीक का उपयोग करके वस्त्र निर्माण को बढ़ावा देंगी. इससे क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अवसर मिलेंगे. पटना में राज्य हथकरघा एक्सपो का आयोजन होगा. बिहार की राजधानी पटना में भी कई तरह के इंडस्ट्री के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है. अगर यहाँ पर टेक्सटाइल इंडस्ट्री की स्थापना होती है तो बिहार के हथकरघा उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा. इसके अलावा पटना में टेक्सटाइल पॉलिसी का प्रेजेंटेशन दिया है.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री के विकास के लिए बिहार में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया गया था. उस इन्वेस्टर मीट में उद्योग जगत के बड़े नाम शामिल हुए थे . उन मीटिंग में बिहार को अब एक नए इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया गया था. इस पहल के जरिए राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीद है. इससे युवाओं दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस पहल से बिहार के वस्त्र उद्योग को नई मजबूती मिलेगी. पारंपरिक उद्योग जैसे रेशम और हथकरघा को बढ़ावा मिलेगा.