दरभंगा बाईपास रेल लाइन: मिथिलांचल और सीमांचल के विकास की नई कड़ी
बिहार में रेल नेटवर्क कोने कोने तक फैला हुआ है. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे इलाकें है जहाँ रेल गाड़ी नहीं जाती है. अब उन सभी इलाकों को आपस में कनेक्ट करने की कवायद चल रही है. आपको बता दें की बिहार के दरभंगा जिला में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दरभंगा जिला में रेल नेटवर्क को और अधिक मजबूत और सुचारू बनाने के उद्देश्य से हाल ही में दरभंगा बाईपास रेल लाइन का निर्माण किया गया है. इस नए रेल मार्ग ने दरभंगा-जयनगर और दरभंगा-सीतामढ़ी को आपस में जोड़ते हुए मिथिलांचल और सीमांचल के बीच संपर्क को अधिक सुलभ बना दिया है. इसका निर्माण समस्तीपुर मंडल के अंतर्गत हुआ है.
आईये जानते है इस रेलवे लाइन की बारे में : तो आपको बता दें की इस रेल लाइन की कुल लंबाई 9.48 किलोमीटर है. इस रेल लाइन को दरभंगा बाईपास भी कहा जाता है. यह रेलवे लाइन काकरघाटी और शीशो जैसे स्टेशनों को जोड़ने का काम करेगी. इस बाईपास लाइन पर सबसे पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया जाएगा. जब मालगाड़ी ठीक ढंग से सुचारू ढंग से चलने लगेगी तो फिर पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू होगा.
दरभंगा बाईपास रेल मार्ग का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों के बीच सुचारू संचालन सुनिश्चित करना है. जानकारी के लिए आपको बता दें की ₹253 करोड़ की लागत से यह बाईपास बनी है. यह रेल परियोजना मिथिला और कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए दूरी को कम करगी. इसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो दरभंगा से जयनगर और सीतामढ़ी की ओर यात्रा करते हैं.
दरभंगा-सीतामढ़ी और दरभंगा-जयनगर के बीच सीधा कनेक्शन स्थापित होने से इन महत्वपूर्ण शहरों के बीच संपर्क और अधिक सुलभ होगा.