बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा रेल इंजन अफ्रीका में, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ को मिली नई ऊंचाई

बिहार में एक जिला है जिसका नाम सारण है. इस जिले के मढ़ौरा साल 2018 में एक रेल इंजन कारखाना लगाया गया है. अब यह रेल इंजन कारखाना अपने पुरे रंग में आ चूका है क्योकि अब इस बिहार के बने रेल इंजन को दुसरे देश में भी निर्यात किया जा रहा है. इसी कड़ी में एक खबर आ रही है की सारण जिले के मढ़ौरा जिले के इंजन कारखाने में बने रेल इंजन को अफ्रीका के देशो में चलाया जायेगा. बिहार का मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है साथ ही इसकी उत्पादन क्षमता का लोहा अफ्रीकी देश भी मान रहे हैं. भारतीय रेलवे के 4500 हॉर्स पावर वाले यह आधुनिक रेल इंजन अफ्रीका की रेल पटरियों पर दौड़ेंगे के लिए बेताब हो रही है.

यह रेल इंजन भारत के दो योजना का हिस्सा है. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ जैसी योजनाओं को ऐसे रेल कारखानों से नई मजबूती मिल रही है. इस कदम से भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा. बिहार के सारण जिले में स्थित मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना भारतीय रेलवे के निर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है. यह कारखाना 70 एकड़ में फैला हुआ है और यहां से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सीधे रेल इंजनों का निर्यात किया जाएगा. लगभग 600 से अधिक रेल इंजन यहाँ बन चुके है.

‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत मढ़ौरा कारखाना 2025 से अफ्रीकी देशों को रेल इंजन भेजना शुरू करेगा. यह इंजन 4500 हॉर्स पावर की क्षमता वाले होंगे . यह इंजन अफ्रीका की ट्रेनों को तेज़ी और मजबूती से चलाने में सक्षम होंगे. इन इंजनों की खास बात यह है कि यह कम ईंधन की खपत करेंगे. मढ़ौरा से अफ्रीकी देशों को रेल इंजन निर्यात करने से भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियानों को विश्वभर में पहचान मिलेगी.