बिहार में बालू की कीमतों में गिरावट की संभावना है. जो लोग अभी निर्माण कार्यों में लगे है या फिर जो ठेकेदारों ने ज्यादा काम ले रखा है उनको राहत मिलने की उम्मीद है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है की बालू खनन विभाग ने बालू खनन को सुचारु रूप से चलाने के लिए 217 बालू घाटों पर खनन की अनुमति दी है. अब बालू डिपो में बाजार में बालू की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होगी और इसके दाम कम हो सकते हैं. हाल के दिनों में बालू की कीमतों में वृद्धि देखी गई थी. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अब बालू की कीमतें स्थिर होंगी या उनमें कमी आ सकती है.

खनन विभाग से जानकारी मिल रही है की बिहार में बालू के 336 बड़े घाटों की ई-नीलामी अभी तक नहीं हो पाई थी. जिसके कारण बालू का रेट फिर से बढ़ गया है. खनन न होने का कारण पर्यावरण से संबंधित आवश्यक अनुमतियों में देरी हो रही है. इस कारण बड़े पैमाने पर बालू की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी. अब धीरे धीरे बालू की मांग के अनुसार बालू की उपलब्धता में कमी बनी हुई थी और दामों में बढ़ोतरी हो रही थी. इसलिए ही खनन विभाग द्वारा हाल ही में की गई घोषणाओं के अनुसार, 16 जिलों के 190 बालू घाटों से 16 अक्टूबर से खनन कार्य शुरू हो गया है जिसमें पटना भी शामिल है.

प्रदेश में बालू की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने 217 घाटों पर खनन शुरू करने के आदेश दिए हैं. इसके माध्यम से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले बालू की कीमतें जल्द ही स्थिर हो जाएंगी. बाजार में उसकी उचित आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी.

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