भारत के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की योजना बनाई गई है. यह अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर देश के सात प्रमुख राज्यों को जोड़ते हुए 1839 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करेगा. यह बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा. यह औद्योगिक कॉरिडोर इस सभी राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा . इन सभी राज्यों में नई औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात करेगा. इससे कुल 20 शहर आपस में कनेक्ट हो जायेंगे.
1839 किलोमीटर लंबा होगा ट्रैक, 1650 एकड़ भूमि अधिग्रहित
इस कॉरिडोर का कुल लंबाई 1839 किलोमीटर होगी. इसके निर्माण के लिए लगभग 1650 एकड़ भूमि को अधिग्रहित किया जा रहा है. कॉरिडोर के माध्यम से पंजाब के अमृतसर से लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक का संपर्क मजबूत होगा. कॉरिडोर से जुड़े करीब 20 प्रमुख शहरों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. सभी शहरों के नाम निचे दिए गए है:
अमृतसर
जालंधर
लुधियाना
अंबाला
सहारनपुर
दिल्ली
रुड़की
हरिद्वार
देहरादून
मेरठ
मुजफ्फरनगर
बरेली
अलीगढ़
कानपुर
लखनऊ
इलाहाबाद
वाराणसी
गया
हजारीबाग
बोकारो स्टील सिटी
धनबाद
आसनसोल
दुर्गापुर
बर्दवान
कोलकाता
बिहार में यह कॉरिडोर गया जिले के डोभी प्रखंड से होकर गुजरेगा. इस कॉरिडोर से सूबे में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का रास्ता खुलेगा. इस कॉरिडोर पर बिहार की कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी. अनुमान है कि इस परियोजना के तहत लगभग एक हजार औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकेंगी. इस औद्योगिक कॉरिडोर का लाभ केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा. पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल भी इसके लाभार्थी होंगे. .