अगर किसी चीज की आप तैयारी कर रहे है और उस चीज में आपको बार – बार असफलता ही मिलती है तो आपका मन अंदर से पूरी तरह टूट जाता है. जिसके बाद आप उस चीज पर से ध्यान भी हटा लेते है. लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम उत्तराखण्ड के मसूरी के रहने वाले आईएएस विभाकर पाल की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे है. जिनको यूपीएससी की परीक्षा में लगातार चार बार असफलता हाथ लगी थी.

लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारा और फिर से कड़ी मेंहनत से तैयारी करके साल 2022 की यूपीएससी की परीक्षा के पांचवे प्रयास में 521 वां रैंक लाकर आईएएस अधिकारी बनकर अपने माता पिता सहित अपने पुरे उत्तराखण्ड राज्य का नाम रौशन कर दिया. आईएएस विभाकर पाल ने बताया की उन्होंने अपनी शुरुआत की शिक्षा की पढाई मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री के बालवाड़ी नगर से पूरी की.

उसके बाद उन्होने दसवीं कक्षा की पढाई मसूरी हैंपटन कोर्ट स्कूल में पूरी की. वही 12वीं की पढाई करने के लिए देहरादून स्कॉलर्स होम चले गए वहां से उन्होंने 12वीं की पढाई पूरी की और उसके बाद उन्होंने बीटेक सिविल इंजीनियरिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जालंधर से पूरी की इसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दिए जिसके चलते आज वह इतना बड़ा मुकाम तक पहुचें है.

आईएएस विभाकर पाल के पिता का नाम पवन पाल है. जो अकादमी में एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर के पद पर तैनात हैं. हालाकिं वह आईएएस अकाडमी में भी 1989 में क्लर्क के पद पर नियुक्त हुए थे. पवन पाल के पास एक बेटी और एक बेटा है. जिसमें से बेटा आईएएस अधिकारी बन गए. वही बेटी कृतिका पाल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके यूपीसीएल में सहायक अभियंता के पद पर रूडकी में तैनात है.

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