दोस्तों यूपीएससी की परीक्षा को देश का सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक माना गया है. इस कठिन परीक्षा में लाखों स्टूडेंट कड़ी मेहनत कर सामिल होते है. और सफलता हासिल करते है. वही कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते है. जो कठिन परिश्रम के साथ इस एग्जाम में एक ही बार में सफलता हासिल कर लेते है.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी बता रहे है. जिनके पिता रिक्शा चलाते थे. और बहुत मेहनत करने बाद गोविन्द सफलता हासिल किये और बने आईएएस. आइये जानते है आईएएस गोविंद जैसवाल (IAS Govind Jaiswal) की यूपीएससी यात्रा के बारे में…

आईएएस गोविंद जैसवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले है. बात करे हम इनकी पढाई लिखाई की तो बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज गोविन्द अपनी शुरुआती पढाई उस्मानपुरा के सरकारी स्कूल से पूरा किये है. इसके बाद गोविन्द वाराणसी में ही स्थित हरिश्चंद्र यूनिवर्सिटी से मैथ में ग्रेजुएशन की पढाई पूरा किये है.

इसके बाद गोविंद साल 2006 में यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. दिल्ली आकर उन्होंने कोई कोचिंग नही किये. बल्कि गोविंद वहा बच्चो को ट्यूशन पढ़ाते थे. बात करे हम इनकी यूपीएससी के बारे में तो गोविन्द साल 2007 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में पहली बार सामिल हुए और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में पुरे देश में 48वीं रैंक हासिल किये. और आईएएस बन गए.

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