दोस्तों यह रोमांचक कहानी है. बिहार के मधुबनी जिला के मुरैठा के निवासी मुनिंदर राम के बेटे दिवाकर राम की. बता दे कि दिवाकर राम ने 67वीं BPSC परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने गाव परिवार का नाम रौशन कर आज ऑडिटर के पद पर कार्यरत है. आइये जानते है इनकी इस उपलब्धि के बारे में…
जानकारी के मुताबिक दिवाकर राम मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिला के मुरैठा के रहने वाले है. इनके पिता का नाम मुनिंदर राम है. बता दे कि मुनिंदर राम जूते सिलकर अपने बेटे को अधिकारी बना दिए है. ऐसा नहीं है कि इसमें उनके बेटे दिवाकर राम ने मेहनत नहीं की है.
बल्कि दिवाकर राम ने पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर इतनी बड़ी सफलता हासिल किये है. किन्तु पिता का मेहनत बेटे के मेहनत से कई गुना ज्यादा है. क्योंकि अगर मुनिंदर राम ये सपना नहीं सजाते और समाज के हर चुनौती को नहीं सहते. तो शायद ही ऐसा हो पाता.
वही आपको जानकारी दे दे कि दिवाकर के घर में पहले से कोई शिक्षित नहीं था. जिसका कारण था की उनके घर में शुरू से ही चप्पल जूता सिलना का कारोबार होता था. और उसी पैसे से ही गुजारा करना पड़ता था. किन्तु अब दिवाकर की नौकरी लग जाने से घर और परिवार की स्थिति में काफी सुधार हुई है.