Bihar Expressway: किसी भी राज्य में विकास का होना सबसे पहले उस राज्य में परिवहन की सुविधा के लिए अच्छे सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्गों को होना बहुत जरुरी होता है. क्योकिं राज्य में विकास के लिए ये तीनों की कनेक्टिविटी बेहतर होनी चाहिए तब जाकर उस राज्य में अच्छी विकास देखने को मिलती है. इसी बिच आज हम आपको बताने जा रहे है भारत देश के बिहार राज्य को हाल ही में चार नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिली है. इस एक्सप्रेसवे की सौगात से पहले बिहार राज्य में कैबिनेट की बैठक हुई थी उसके बाद बिहार राज्य को इन चार नए एक्सप्रेसवे की मंजूरी मिली है. इन चार नए एक्सप्रेसवे में एक एक्सप्रेसवे बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे भी है जिसके बारे में हम आपको इस खबर में बताने जा रहे है.
मगर उससे पहले हम आपको बता दे की बिहार राज्य में इस चार नए एक्सप्रेसवे की निर्माण हो जाने से बिहार राज्य के कई सारे जिलों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा. वही बिहार राज्य में इन सभी एक्सप्रेसवे की निर्माण हो जाने से बिहार राज्य के लोगों को सफ़र तय करने में काफी सहूलियत होगी और साथ में समय के भी बड़ी बचत होगी. वही बिहार राज्य में बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से बिहार राज्य के भागलपुर जिले सहित कुल 10 अन्य जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा. इस 10 जिलों की लिस्ट में बिहार राज्य के भागलपुर जिले सहित बक्सर, भोजपुर, अरवल, गया, रोहतास, जमुई, जहानाबाद, नवादा, और बांका जिले शामिल है.
अभी भागलपुर से बिहार की राजधानी पटना पहुंचने में 5 घंटे का समय लगता है. मगर अब बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से भागलपुर से राजधानी पटना पहुंचने में सिर्फ तीन घंटे का समय ही लगेंगे. जबकि वहीं भागलपुर से बक्सर जिला पहुंचने में अभी 9 घंटे का समय लगते है. मगर अब इस एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से भागलपुर से बक्सर जिला पहुंचने में भी सिर्फ 4 घंटे का समय लगेंगे. इसका सीधा मतलब हुआ की बिहार में बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से लोगों को समय की बड़ी बचत होगी और यात्रा करने में भी काफी सहूलियत होगी.
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण होने से भागलपुर जिले के सिल्क उद्योग में भी काफी बढ़ावा देखने को मिलेंगे. इसके आलावा इस एक्सप्रेसवे के निर्माण होने से बिहार के बांका जिले में बनने जा रही कतरनी चूड़ा फैक्ट्री में भी माल पहुँचने में तेजी होगी. वही इस एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से कच्चे उत्पाद जैसे सब्जियों और फलों की रोज ढुलाई के लिए यह मार्ग बेहद मददगार साबित होगा. जिससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी की संभावना होगी.