आपने अभी तक कितने सारे आईएएस अधिकारी का नाम सुने होंगे लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम बिहार के नवादा जिले के पकरीबरमा गांव के रहने वाले आईएएस अधिकारी निरंजन कुमार के बारे में बताने जा रहे है. जिनके माता – पिता कभी सड़क किनारे तंबाकू बेचते थे. उनका बेटा आज आईएएस अधिकारी बनकर पुरे देश के लिए मिसाल बन गए है.
हालाकिं वह बचपन में अपने पिता के दुकान पर रहकर पढाई करते है. जिसके चलते दुकान पर से कभी उनके पिता इधर – उधर चले जाते थे तो उनको भी कभी – कभी तम्बाकू यानि की सरल भाषा में खैनी बैचना परता था. निरंजन कुमार का बचपन से ही सपना था आईएएस अधिकारी बनने का जिसके चलते उन्होंने अपने ही चार भाइयों के बीच विद्यार्थी को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था.
और उसके बाद खुद की पढाई करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर कोचिंग के लिए जाते थे. हालाकिं अपनी पढाई के दौरान उन्होंने आईआईटी इंजीनियर बनने का सपना रखते हुए उन्होंने अपनी मेहनत की पढाई से अपनी इस आईआईटी इंजीनियर बनने का सपना को प्राप्त किये लेकिन आगे उनका असली सपना आईएएस अधिकारी बनने का था.
जिसके चलते उन्होंने सेल्फ स्टडी से ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और साल 2017 की यूपीएससी की परीक्षा के पहले प्रयास में 728 वां रैंक हासिल किये लेकिन इस रैंक के चलते उनका आईएएस अधिकारी बनने का सपना अधुरा ही रह गया जिसके चलते उन्होंने फिर से अपनी कड़ी मेंहनत से पढाई कर साल 2021 की यूपीएससी परीक्षा में 535 वां रैंक हासिल कर अपने आईएएस अधिकारी बनकर बनने के सपने को पूरा किये.