Overview:

Purnia की Nistha Kumari बनीं Bihar Police में सिपाही

पिता मजदूर हैं और घर की हालत कमजोर थी

ट्यूशन पढ़ाकर किया पढ़ाई का खर्च पूरा

अब सपना है दरोगा बनकर देश की सेवा करना

मजदूर की बेटी बनी Bihar Police में सिपाही

किसी ने सच ही कहा है अगर किसी चीज़ को सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे पाने में हमारी मदद करने लगती है. ऐसी ही एक की सफलता की कहानी है. यह सफलता की कहानी बिहार के पूर्णिया जिले की है. Bihar के Purnia जिले की Nistha Kumari ने वह कर दिखाया है जो बहुत लोग केवल सोचते हैं.

सबसे पहले यह जान लीजिये की Nistha एक गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता Ramkripal Mandal मजदूरी करते हैं. घर की माली हालत अच्छी नहीं थी. निष्ठां के पिता मजदूरी करने से पहले एक चाय की दुकान भी चलाते थे. लेकिन दुकान से कुछ अच्छा नहीं हो पा रहा था. तो दुकान बंद करके उन्होंने घर चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करना शुरू कर दिया. उनकी मां Bharti Devi एक गृहिणी हैं.

परिवार की हालत बहुत कमजोर थी. घर कच्चा था. लेकिन Nistha ने कभी भी अपनी गरीबी को कमजोरी नहीं माना. वो हमेशा पढाई लिखाई को सबसे प्राथमिक मानती थी. गरीबी को उन्होंने अपना सहारा बनाया. उन्होंने तय कर लिया कि कुछ बड़ा करना है.

आखिरकार निष्ठां को सफलता मिली. अब वह Bihar Police में सिपाही बन चुकी हैं. यह खबर सुनते ही उनके घर में ख़ुशी का माहौल बन गया है. सभी सगे सम्बन्धी लोग सुबह से ही उनको मुबारकबाद दे रहे है.

सेल्फ स्टडी से किया सपना पूरा

Nistha ने कभी कोचिंग नहीं की. उन्होंने खुद से पढ़ाई की. वह सेल्फ स्टडी से आगे बढ़ीं. पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं. जो भी पैसे मिलते थे उसी से अपनी किताबें खरीदती थीं.

उनका दिन सुबह जल्दी शुरू होता था. वह पहले घर का काम करती थीं. फिर ट्यूशन पढ़ाने जाती थीं. फिर खुद की पढ़ाई करती थीं. यह सिलसिला सालों तक चला. कई बार थकान होती थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

Nistha ने पहले ही सोच लिया था कि उन्हें सरकारी नौकरी पानी है. उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं था. वह अपने खानदान की पहली सदस्य बनीं जिन्हें सरकारी नौकरी मिली है. अब वह Sub Inspector यानी दरोगा बनना चाहती हैं.