Overview:
बिहार में 554 किमी लंबी इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क बन रही है
यह सड़क सात सीमावर्ती जिलों को जोड़ेगी
अब तक 80% कार्य पूरा हो चुका है
554 KM लंबी इंडो-नेपाल सीमा सड़क
बिहार में रोड नेटवर्क को अच्छा बनाने केलिए हमेशा प्रति दिन कुछ न कुछ नया अपडेट आ रहे है. आज फिर से बिहार को एक बड़ी सौगात मिल गई है. यह सौगात है इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड प्रोजेक्ट की. पिछले दिनों हमने देखा की गया और डोभी के बीच बन रहा फोरलेन अब अपने अंतिम चरण में पहुच चूका है. और आज फिर से इंडो नेपाल बॉर्डर पर नया सड़क का अपडेट आ गया है.
इंडो नेपाल सड़क का यह प्रोजेक्ट के तहत बिहार में लगभग 554 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है. यह सड़क नेपाल सीमा से सटे सात जिलों को जोड़ेगी. बिहार के नेपाल से सटे सभी जिलों को इस प्रोजेक्ट से डायरेक्ट लाभ होगी. जिन शहरों को डायरेक्ट लाभ होती उनके नाम निचे दिए गए है.
- पश्चिम चंपारण,
- पूर्वी चंपारण,
- सीतामढ़ी,
- मधुबनी,
- सुपौल,
- अररिया और
- किशनगंज
आपको बता दें की भारत और नेपाल की कुल सीमा 729 किलोमीटर है. इसमें से 554 किलोमीटर केवल बिहार में आती है. इस पूरे हिस्से को जोड़ने का काम अब तेज़ी से चल रहा है. इस सड़क का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था. अब इसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
इस प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ सड़क ही नहीं बनाये जायेंगे बल्कि कुल 131 पुल और पुलियों का भी निर्माण किया जा रहा है.
इनका निर्माण भी दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा. बिहार में सड़क नेटवर्क में लगातार सुधार हो रहा है. इसका एक और उदाहरण है गया और डोभी के बीच बन रहा फोरलेन. अब Patna से Gaya और Dobhi का सफर सिर्फ 90 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. यह दूरी 127 किलोमीटर है. फोरलेन के बनने से Jharkhand से भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी.