दोस्तों यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना लाखों लोगों का होता है. लेकिन यह सपना का साकार बहुत कम ही लोग पूरा कर पाते है. हालाकिं इन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए परीक्षार्थी को कई बार प्रयास करना होता तब जाकर परीक्षार्थी को यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल होता है. ऐसे ही एक कहानी आईएएस कार्तिक जीवाणी की है.
आईएएस कार्तिक जीवाणी का सफ़र भी पूरी चुनौतियों पूर्ण रहा. क्योकीं उनको भी यूपीएससी की परीक्षा के पहले प्रयास में असफलता हाथ लगी थी. लेकिन इसके बाद वह आईएएस अधिकारी बनने के लिए खूब मेहनत से पढाई कर लगातार तीन बार यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल किया. वही आपको हम बता दे आईएएस कार्तिक जीवाणी गुजरात के सूरत शहर के रहने वाले है.
जिन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा 12वीं तक की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से की इसके बाद उन्होंने जेईई मेंस की परीक्षा दी और IIT Bombay में एडमिशन लिया. हालाकिं कार्तिक जीवाणी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान सिविल सेवा की परीक्षा देने का मन बनाया और उसकी तैयारी शुरू कर दी. हालाकिं यूपीएससी की परीक्षा के पहले अटेम्प्ट में कार्तिक फ़ैल भी हो गए.
लेकिन साल 2017 की यूपीएससी की परीक्षा के दुसरे प्रयास में पुरे ऑल इंडिया में 94 रैंक हासिल किया. इसके बाद भी उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी में लगे रहे और साल 2019 में उन्होंने एक बार फिर से 84 वां रैंक के साथ पास कीया जिसके बाद इनको आईपीएस की जॉब मिली लेकिन इनका सपना था आईएएस अधिकारी बनने का जिसके चलते उन्होंने अपनी आईपीएस के ट्रेनिंग के दौरान 15 दिन की छुट्टी ली.
और फिर से अपनी सेल्फ स्टडी से लगातार 10 से 12 घंटे रोजाना पढ़ाई में जुट गए. जिसका नतीजा यह रहा की साल 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में कार्तिक ने पुरे ऑल इंडिया में 8 वां रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनकर अपना सपना को पूरा कर लिया. वही वह अपने इस रैंक के बदोलत गुजरात राज्य के सबसे अधिक रैंक पाने वाले युवा का ख़िताब भी अपने नाम कर लिया.