संघ लोक सेवा आयोग UPSC की परीक्षा को देश का सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक माना गया है. और इस कठिन परीक्षा में लाखों कैंडिडेट्स सामिल होते है. जिनमे से कुछ कैंडिडेट्स अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते है. तो वही बहुत कैंडिडेट्स को लम्बा समय का इंतज़ार करना पड़ता है.
ऐसे ही कुछ कहानी है आईएएस सिम्मी करण की बता दे कि सिम्मी करण ने अपनी मेहनत और हिम्मत से अपने पहले ही प्रयास में दुनिया का सबसे कठिन परीक्षा UPSC में अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की और आईएएस बनी. आइये जानते है आईएएस सिम्मी करण की सफलता के बारे में …
बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज सिम्मी मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली है. वही इनके पिता का नाम डीएन करन है जो कि वो भिलाई स्टील प्लांट में काम करते हैं. वहीं उनकी माँ का नाम सुजाता है. जो की वो एक शिक्षिका है.
वही आपको बता दे कि सिम्मी जब इंजीनियरिंग के आखिरी वर्ष में थीं तब उन्होंने सिविल सेवा UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. और उन्होंने अपने मेहनत से बिना कोई कोचिंग का सहारा लिए बिना ही यूपीएससी की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में पुरे देश में 31वीं रैंक के साथ आईएएस बन गई.