खासकर अभी के दौर में भारत देश के बिहार राज्य में शिक्षा की स्थिति पहले से बहुत बेहतर होती जा रही है. बिहार में अब बहुत सारे युवा लड़का और लड़की अपने खुद के दम पर बिहार में परचम लहराते आ रहे है. जिनमे से एक नाम बिहार के मुजफ्फरपुर जिला की रहने वाली जाह्नवी का भी है. जिनको महज़ 17 साल की उम्र में ही बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज साउथ कोरिया ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया है.
जाह्नवी ने जो मुकाम हासिल किया है उनसे बिहार के कई सारे बेटियों को प्रेरणा मिली है. इन बड़े मुकाब के चलते उनको पुडुचेरी में बुलाया गया था जहाँ पर उनको समाजसेवा के क्षेत्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया था. हालाकिं इनको सोशल वर्क के फिल्ड में भी विशिष्ट योग्यता हासिल करने की वजह से सबसे कम उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली है. जिससे उनके माता पिता सहित उनके पुरे परिवार बहुत खुश हैं.
जाह्नवी बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के रहने वाली है. इनके पिता का नाम संतोष कुमार है. वही उनकी माता का नाम अर्चना कुमारी है. हालाकिं जाह्नवी ने पहले भी बिहार का नाम रोशन किया है. जिसमे उन्होंने पहले जेंडर इक्वलिटी फिर अंतर्राष्ट्रीय एड्स सम्मलेन के द्वारा बनी डॉक्यूमेंट्री में भागीदारी और फिर मिस टीन इंडिया 2022 का खिताब अपने नाम किया था.
इसके बाद जाह्नवी को बीते साल पहले भारत के राष्ट्रपति भवन से भी बुलावा आया था. जहां पर जाह्नवी ने अपने पुरे परिवार के साथ जाकर भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की थी. जाह्नवी की इस बड़े मुकाम के चलते इन्हें संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन ने लगातार तीन बार अवार्ड से भी नवाजा है. इसके आलावा इन्होने कई अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड भी जीत चुकी है.
हालाकिं जाह्नवी वर्तमान में कॉमन वेल्थ में सेक्सुअल और रिप्रोटेक्टिव राइट को लीड करती है. इसके अलावा जाह्नवी दो किताबें भी लिख चुकी हैं. वही मुजफ्फरपुर जिला के रहने वाली जाह्नवी लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सोशल वर्क भी करती हैं. इसके साथ उनका मन इंट्रेस्ट मॉडलिंग और एक्टिंग में भी है.