आज के दौर में जब युवा बड़े पैकेज और सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित होते हैं .वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के एक छोटे से गांव करनेजी के किसान नवीन कुमार सिंह ने एक अलग राह चुनी उन्होंने सरकारी नौकरी को त्याग कर अपने पिता द्वारा शुरू किए गए काम को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया.

बता दे कि नवीन कुमार गांव की मिट्टी में मेहनत करके और दिन-रात काम करके अपने काम को एक नया मुकाम दिया. उनकी इस मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक सफल किसान बना दिया. साथ ही आपको बता दे कि नवीन कुमार वर्ष 1988 में सरकारी नौकरी त्यागने के बाद जब अपने मित्र को गाड़ी चलाते देखा.

तब उनके भी मन में गाड़ी चलाने की चाहत जगी. उसके बाद उन्होंने पहले सवारी गाड़ी सीखी और बाद में ट्रैक्टर चलाना शुरू किया. इसके बाद कुछ दिनों के उपरांत नवीन कुमार का शादी हो गया. शादी होने के बाद नवीन के परिवार का खर्च थोरा और बढ़ गया. गाड़ी चलाने के बाबजूद भी कई आवश्यकताएं बची ही रह जाती थी.

इसके बाद नवीन अपने पिता से जानकारी लेते हुए खेती बारी का काम शुरू किये. बता दे कि उनकी खेती की शुरुआत परवल की खेती से हुई. पहले एक एकड़ में परवल की खेती की और धीरे-धीरे इसे तीन एकड़ तक बढ़ाया. एक सीजन में प्रति कठ्ठा खेत से 10,000 रुपए की कमाई होती है. उनकी मेहनत का फल मीठा रहा और आज उनके परिवार में एक बेटा बैंक मैनेजर बन गया है. दूसरा बेटा BSF में तैनात है.