दोस्तों यह कहानी है परिश्रम और उत्साह से सफलता हासिल करने वाले देव कुमार शर्मा की जिन्होंने अपने पिता से वेल्डर का काम सीखकर खुद का दुकान खोले साथ ही अपने परिवार के लोगों के साथ साथ 14 और भी लोगों को रोजगार दिए. आइये जानते है देव कुमार शर्मा की रोजगार के बारे में….
जानकारी के मुताबिक देव कुमार शर्मा मूल रूप से सदर प्रखंड के रामकोलवा चौक के रहने वाले है. देव कुमार पढाई पूरी करने के बाद कोई नौकरी नही मिलने पर किसी अन्य राज्य में जाकर कोई फैक्ट्री में काम करने लगे. और कुछ दिन फैक्ट्री में काम करने के बाद मन नही लगा तो फिर से अपने घर लौट आए.
घर लौट कर देव कुमार शर्मा अपने पिता के ही दुकान में काम करने लगे. और धीरे-धीरे अपने पिता से सभी वेल्डर का काम सीखकर अपना खुद का दुकान खोल लिए. दुकान खोलने के बाद देव कुमार अपने कमाई से अपने पिता की दुकान को भी बढ़ा दिए. साथ ही उनके परिवार में जो लोग बेरोजगार थे. उनको भी देव कुमार काम पे लगा दिए.
वही आपको बता दे कि कुछ दिनों के उपरान्त देव कुमार शर्मा धीरे धीरे अपना चार दुकानें खोल लिए. और चारो दुकानों पर अपने सभी भाईयो के साथ साथ 12 से 14 और भी लोगों को काम पर लगा दिए. साथ ही आपको जानकारी दे दे कि देव कुमार शर्मा अपनी दुकान रामकोला चौक पर ही खोले हुए है. जिसमें घर के सभी सदस्य और बाहर के लोगों काम करते है.