दोस्तों अभी के समय को देखते हुए कोई भी नौकरी हासिल करना आसान बात नही है. इसके लिए आपको करी मेहनत करनी पड़ेगी. सिविल सेवा की परीक्षा को देश का सबसे मुस्किल परीक्षाओ में से एक माना गया है. इस कठिन परीक्षा में लाखों स्टूडेंट भाग लेते है. लेकिन सफलता कुछ स्टूडेंट ही हासिल कर पाते है.

आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बता रहे है. जिन्होंने गरीबी झेलते हुए दुनिया की सबसे कठिन एग्जाम UPSC की परीक्षा में हासिल किये पुरे देश में 410वीं रैंक और बने आईएएस आइये जानते है आईएएस डोंगरे रेवैया (IAS Dongre Revaiya) की यूपीएससी यात्रा के बारे में…

जानकारी के अनुसार डोंगरे रेवैया मूल रूप से तेलंगाना के कुमुराम भीम आसिफाबाद स्थित तुंगडा गांव के निवासी हैं. पैसों की कमी के कारण वह शहर जाकर पढ़ाई नहीं कर पाए. इसलिए उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से अपनी 10th और 12th की परीक्षा पास की.

12th पास करने के बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम पास कर आईआईटी मद्रास में एडमिशन लिए. वही आपको बता दे कि डोंगरे रेवैया ने वर्ष 2017 में IIT मद्रास से केमिकल इंजीनियरिंग में इंटीग्रेटेड कोर्स करने के बाद डोंगरे देश की सबसे कठिन एक्सामो में शामिल गेट एग्जाम में सफलता हासिल किये.

गेट एग्जाम में सफलता हासिल करने के बाद उन्हें मुंबई ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) में सरकारी जॉब मिल गई थी किन्तु वह अपनी आगे की पढाई जारी रखे. और सिविल सेवा की तैयारी किये बता दे कि डोंगरे रेवैया यूपीएससी परीक्षा में अपने पहले प्रयास में असफल हो गये थे किन्तु उन्होंने बिना हार माने अपनी दूसरी प्रयास में पुरे देश में 410वीं रैंक हासिल किये और आईएएस बन गए.

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