Nisha Overcomes Financial Hurdles and Succeeds: शादी ब्याह के मामले में बिहार कुछ असामान्यताओं का आकड़ा बड़ा अंतर देखने को मिलता है. अक्सर बिहार में लड़कियों की जल्दी शादी सामान्य उम्र से जल्दी हो जाती है. बिहार के युवतियों को समय से जल्दी ब्याह होने का प्रमुख करना आर्थिक तंगी और अशिक्षा है. पैसो की कमी के कारण वो शिक्षा से वंचित करती है। निशा की कहानी इसी पर आधारित है, जिन्होंने पैसे के अभाव में ब्यूटी पार्लर खोला। उनके साथी का समर्थन और मुद्रा लोन ने उन्हें सफलता की ओर अग्रसर किया।
यहाँ के माता-पिता आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे पाते हैं। लड़कियों की शादी को पढ़ाई के स्थान में प्राथमिकता दी जाती है ताकि उनका घर द्वार जल्दी बस जाए। निशा की शादी उमेश से होती है, जिन्होंने निशा के सपनों का साकार करने में सहायता की। निशा ने अपना ब्यूटी पार्लर खोलने का सपना देखा था। पैसे की कमी के कारण अक्सर झगडा होता था. लेकिन निशा निरंतर अपने सपनों की ओर बढ़ती है।
भगवानपुर प्रखंड में निशा को ब्यूटी पार्लर खोलती है। निशा को मुद्रा लोन के जरिए आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। निशा अपने ब्यूटी पार्लर के जरिये कई बेरोजगार लकड़ियों को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है। उनके दुकान से प्रतिमाह अच्छी कमाई होती है। निशा को पढ़ाई-लिखाई में मन लगता था. लेकिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण वह आगे नहीं पढ़ पाई।
निशा का पति उमेश उनके साथ हर कदम पर है और सहायता करता है। पति ने ससुराल वालों की बातों को अनसुना करके निशा का साथ दिया। निशा और उसका परिवार अब आर्थिक रूप से मजबूत हैं। उनका ब्यूटी पार्लर दुकान की मालिकाना करने से वह स्वतंत्र और सशक्त हैं। निशा की कहानी से आधुनिक भारतीय समाज को शिक्षा का महत्व और महिलाओं के सशक्तिकरण का संदेश मिलता है। निशा ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना किया और उन्हें पार किया। उनकी कहानी से दिखता है कि सहायता और समर्थन के साथ, कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। निशा की यह कहानी महिलाओं के स्वाभिमान और स्वतंत्रता को मजबूत करती है। निशा ने अपनी मेहनत और उत्साह से एक सफल और स्वतंत्र जीवन का मार्ग प्रशस्त किया।