15 August Independence Day: 15 अगस्त के दिन ही भारत देश को अंग्रेजो से छुटकारा मिली थी. और भारत देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो से आजाद हो गया था. इसलिए उसी साल से हर साल भारत देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. वही इस 15 अगस्त के दिन ही भारत के दो दिग्गजों खिलाड़ियो ने अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. जिसमे से एक खिलाड़ी ने भारत देश को 3 ICC ट्रॉफी भी दिलवा चुकी है.
MS Dhoni Suresh Raina Retirement 15 August: 15 अगस्त के दिन अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा भारत के पूर्व बल्लेबाज एमएस धोनी और सुरेश रैना ने दिया था. क्रिकेट जगत में इन दोनों की दोस्ती बहुत करीबी रहा करते थे. उनके आलावा बाहरी दुनिया में भी उन दोनों की दोस्ताना काफी ज्यादा चर्चे में रहा करता है जिसके चलते एक तरफ एमएस धोनी को ‘थाला’ वहीं दूसरी तरफ सुरेश रैना को ‘चिन्ना थाला’ के नाम से जाना जाता है.
सुरेश रैना ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 अगस्त के दिन सन्यास लेने की जानकारी पहले ही एक मीडिया इंटरव्यू में दे दी थी. उन्होंने इस दिन ही अपनी संन्यास का कारण बताते हुए कहा था कि, “हमने पहले ही 15 अगस्त के दिन संन्यास लेने का मन बना लिया था. धोनी का जर्सी नंबर 7 है, मेरा जर्सी नंबर 3 है. दोनों को मिलाकर 73 बनता है और 15 अगस्त 2020 के दिन भारत को स्वतंत्र हुए 73 साल पूरे हुए थे. मेरे हिसाब से संन्यास के लिए उससे बेहतर दिन कोई नहीं हो सकता था.”
जबकि एमएस धोनी ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच जुलाई 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. उसके बाद वह लगभग 1 साल क्रिकेट से दूर रहे जिसके बाद उन्होंने साल 2020 में 15 अगस्त यानी भारत के स्वतंत्रता दिवस के दिन एमएस धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था. वही भारतीय टीम में अभी तक धोनी ही एकमात्र कप्तान रह चुके है जो भारत को 3 ICC ट्रॉफी दिलवा चुकी है.
भारतीय टीम ने एमएस धोनी की कप्तानी में साल 2007 का टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुके है. इसके अलावा भारतीय टीम ने धोनी की कप्तानी में ही साल 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और साल 2013 का चैंपियंस ट्रॉफी भी जीता था. हालाकिं सुरेश रैना भी 2011 वर्ल्ड कप विजेता में भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. वही सुरेश रैना अपनी किताब (ऑटोबायोग्राफी) में लिखते हैं कि उनकी एमएस धोनी के साथ दोस्ती की नींव 2005 दिलीप ट्रॉफी के दौरान रखी गई थी.