बिहार में विकास दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. ज्यादातर बिहार में विकास सड़क मार्ग से लेकर रेल मार्ग और वायु मार्ग में देखने को मिल रहा है. क्योकिं किसी भी राज्य को विकास करने के लिए सबसे पहले उस राज्य की सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग की आपस में कनेक्टिविटी बेहतर होनी चाहिए तब जाकर उस राज्य में आपको विकास देखने को मिलेगा. इसलिए बिहार का मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने सबसे पहले बिहार राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग के क्षेत्र में फिलहाल बहुत ज्यादा काम कर रही है ताकि बिहार राज्य का भी विकास अन्य राज्यों से बेहतर हो सके. हाल ही में नितीश कुमार ने बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के बागमती और लखनदेई नदी के पास मझौली-चोरौत एनएच पर 230 करोड़ की लागत से एक मेगा ब्रिज बनाने की अनुमति NHAI के टीम को दी है. जल्द ही अब NHAI के टीम के द्वारा इस मेगा ब्रिज का निर्माण नए तरीके से शुरू कर दिया जायेगा.
क्योकिं पहले इस मेगा ब्रिज का निर्माण दो अलग – अलग नदी यानि बागमती नदी पर 240 मीटर और लखनदेई नदी पर 80 मीटर की लम्बाई में दो पुल का निर्माण किया जाना था जिसमे कुल 75 कड़ोड़ रूपए की टोटल खर्च की जानी थी. मगर इसी पुल का निर्माण अब NHAI के टीम के द्वारा नए तरीके से 230 करोड़ की टोटल खर्च से अगले महीने यानि अक्टूबर महीने से शुरू कर दिया जायेगा. जानकरी के लिए आपको हम बता दे की इस पुल के निर्माण हो जाने के बाद इसके बिच में कुछ खाली जगह भी बचेगी.
इस बचे हुए खली जगह में NHAI के टीम के द्वारा इस मेगा ब्रिज पर लगभग 56 मीटर की चौड़ाई में फोरलन सड़क का निर्माण भी किया जायेगा. यानि की इस फोरलन मेगा ब्रिज के दोनों तरफ 28-28 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जायेगा. जिसकी जानकारी खुद एनएचएआई टीम के परियोजना निदेशक ललित कुमार ने दिया है. मुजफ्फरपुर जिले में इस मेगा ब्रिज का निर्माण मुजफ्फरपुर के कटरा गांव स्थित बागमती नदी से पहले शुरू किया जायेगा.
उसके बाद इस मेगा ब्रिज का निर्माण बागमती, लखनदेई, बसघट्टा, गौरा स्थित टोल प्लाजा के समीप तक इस मेगा ब्रिज का निर्माण किया जायेगा. मुजफ्फरपुर में इस मेगा ब्रिज को 66 पिलर और 65 स्पैन में इसका निर्माण किया जायेगा. फ़िलहाल अभी इस मेगा ब्रिज पर टू लेन सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है. हालाकिं NHAI के टीम ने इस मेगा ब्रिज के निर्माण को लगभग 2.5 साल के भीतर में पूरा करने का लक्ष्य लिया. वही मुजफ्फरपुर में इस मेगा ब्रिज के निर्माण हो जाने से मुजफ्फरपुर के 12 गांवों सहित कुल 50 हजार लोगों को सीधे तौर पर इस मेगा ब्रिज से लाभ मिलेगा.