झारखंड के बोकारो के सेक्टर 4 में बहू और सास के बीच बेहतरीन उदाहरण हैं। यह उदाहरण झगडा का नहीं बल्कि आपसी मेल से कामयाबी का है. यहां सांस और बहू मिलकर अप्पे की कार में बिक्री कर रहे हैं। जिसका हाफ प्लेट अप्पे की कीमत 30 रुपये है और फुल प्लेट की कीमत 50 रुपये है। इस दुकान पर रोजाना शाम 6:00 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक अप्पे की बिक्री होती है। हर दिन लगभग 200 पीस अप्पे की बिक्री होती है और 1500 रुपये की कमाई होती है।
उनके परिवार का लक्ष्य है कि वह भविष्य में अपना स्टाल शुरू करें। अप्पे खाने आई ग्राहक गुंजा ने उनकी तारीफ की। उन्होंने बताया को अप्पे बहुत स्वादिष्ट है. उनका बेटा उज्जवल निजी टेलीकॉम कंपनी में काम करता है। उनकी बहु निधि गृहिणी है और नर्सिंग परीक्षा की तैयारी कर रही है।
प्रतिदिन अपने दैनिक कार्य से दोनों समय निकालकर अप्पे बनाते हैं। अप्पे की रेसिपी को लेकर सास ने उन्हें तैयारी कराई। बेचने का काम बहू निधि और बेटे उज्जवल की मदद से सड़कों पर बिक्री होती है। आपको बता दे की सास पुष्पा वर्मा ने सेक्टर 4 में अप्पे की बिक्री की शुरुआत की। इस आईडिया का ख्याल उन्हें उनकी बेटी स्वाति के ससुराल में आया था। उन्होंने पहली बार अप्पे का स्वाद चखा। उन्होंने स्टॉल खोलने का निर्णय लिया और अब वह बिक्री कर रही हैं। अप्पे की बिक्री का समय शाम 6:00 बजे से रात के 8 बजे तक है। उनकी बिक्री से हर दिन 1500 रुपये की कमाई होती है।
उनके परिवार का लक्ष्य है कि वह भविष्य में अपना स्टाल शुरू करें। उन्होंने पहली बार अप्पे का स्वाद चखा। बहू निधि और बेटे उज्जवल की मदद से सड़कों पर बिक्री होती है। सास ने बहू को रेसिपी सिखाई। सास पुष्पा वर्मा ने अप्पे की बिक्री की शुरुआत की। उनकी बिक्री से हर दिन 1500 रुपये की कमाई होती है। उनके परिवार का लक्ष्य है कि वह भविष्य में अपना स्टाल शुरू करें।